महँगा ब्याजदरले समस्या खेपिरहेका ऋणीहरूका लागि चालु आर्थिक वर्ष २०८१/०८२ ले भने केहि राहत दिलाएको छ। किनकि वाणिज्य बैंकहरुको औसत लागु आधारदर अर्थात् बेसरेटमा २.५७ प्रतिशत अंकको गिरावट भएको छ।
गत आर्थिक वर्ष २०८०/०८१ को चैत्र मसान्त सम्ममा कायम औसत लागु बेसरेट ९.०५ प्रतिशत रहेको थियो भने अहिलेको चालु आ.व. ०८१/०८२ को सोही अवधिमा ६.४८ प्रतिशतमा आईपुगेको हो।
२० वाणिज्य बैंकहरूमध्ये सबैभन्दा धेरै लागू बेस रेट घटाउनेमा हिमालयन बैंक अग्रस्थानमा छ। एक वर्षको अवधिमा ३.२२ प्रतिशत अंकको गिरावटसँगै बैंकको लागू बेस रेट १०.१०% बाट घटेर ६.८८% मा पुगेको हो। त्यसैगरी, एभरेष्ट, प्राइम कमर्सियल र कुमारी बैंकहरूले पनि क्रमशः ३.०६, ३.०५ र ३.०२ प्रतिशत अंकले लागू बेस रेट घटाएका छन्।
सिद्धार्थ, लक्ष्मी सनराइज, एनएमबी र कृषि विकास बैंक जस्ता अन्य वाणिज्य बैंकहरूको लागू बेस रेट पनि औसत रूपमा २ प्रतिशत अंकको हाराहारीमा घटेको देखिन्छ। यद्यपि, एक वर्षको अवधिमा सबैभन्दा थोरै लागू बेस रेट घटाउने बैंक भने एनआईसी एशिया रहेको छ, जसको लागू बेस रेट १.७२ प्रतिशत अंकले घटेर ९.१३% बाट ७.४१% मा झरेको हो।
यदी तपाईले बैंकबाट फ्लोटिङ दरमा आधारित कर्जा लिनु भएको थियो भने तपाईंको मासिक किस्तामा यस आर्थिक वर्ष केही राहत आएको हुन सक्छ। किनकि बैंकले प्रवाह गर्ने हरेक किसिमको कर्जा बेसरेटमा आधारित हुन्छ जसको फल स्वरुप बेसरेटमा परिवर्तन आउदा कर्जा ब्याजदरमा पनि भिन्नता आउने गर्छ। तर फिक्स ब्याजदरमा लिएको कर्जाको ब्याजदर भने बद्लिदैन।
नेपाल राष्ट्र बैंकको प्रावधानअनुसार, सबै वाणिज्य बैंकहरूले हरेक महिना बेसरेट गणना गर्नुपर्ने हुन्छ र त्यसपछि त्रैमासिक रुपमा मासिक बेसरेटहरूको औसत निकालेर नयाँ बेसरेट निर्धारण गरिन्छ। हरेक महिनामा लागू हुने बेसरेट अघिल्ला तीन महिनाको मासिक बेसरेटको औसत हो। उदाहरणका लागि, सिद्धार्थ बैंकको चैत्रमा लागू हुने बेसरेट पुष, माघ र फागुन महिनाको मासिक बेसरेटको औसतमा आधारित हुन्छ।
| क्र.सं. | वाणिज्य बैंक | २०८१ चैतसम्मको आधार दर | २०८१ पौषसम्मको आधार दर | २०८१ असोजसम्मको आधार दर | २०८१ असारसम्मको आधार दर | २०८० चैतसम्मको आधार दर | २०८१ चैत र २०८० चैतबीचको फरक |
| 1 | स्ट्यान्डर्ड चार्टर्ड बैंक | ५.०३ | ५.३८ | ५.१ | ६.३६ | ७.३६ | −२.३३ |
| 2 | राष्ट्रिय वाणिज्य बैंक | ५.२८ | ५.८५ | ६.३७ | ७.२१ | ७.६२ | −२.३७ |
| 3 | एभरेष्ट बैंक लिमिटेड | ५.४६ | ६.१५ | ७.०४ | ७.५३ | ८.५२ | −३.०६ |
| 4 | नेपाल बैंक लिमिटेड | ५.९६ | ६.३९ | ७.२८ | ७.८८ | ८.२७ | −२.३१ |
| 5 | नेपाल इन्भेस्टमेन्ट मेगा बैंक | ६.२५ | ६.८० | ७.४९ | ८.०३ | ८.८१ | −२.५६ |
| 6 | नबिल बैंक | ६.०५ | ६.५१ | ७.२४ | ७.८६ | ८.६१ | −२.५६ |
| 7 | कृषि विकास बैंक | ६.५२ | ६.९४ | ७.६४ | ८.३८ | ९.३६ | −२.८४ |
| 8 | ग्लोबल आइएमई बैंक | ६.५६ | ७.११ | ७.४७ | ८.४० | ९.०९ | −२.५३ |
| 9 | एनएमबी बैंक | ६.५९ | ७.१५ | ७.७२ | ८.७० | ९.४१ | −२.८२ |
| 10 | सानिमा बैंक | ६.६० | ७.०६ | ७.६५ | ८.२० | ८.९७ | −२.३४ |
| 11 | माछापुच्छ्रे बैंक लिमिटेड | ६.६८ | ७.३७ | ७.८० | ८.४५ | ९.२६ | −२.२९ |
| 12 | सिद्धार्थ बैंक | ६.६९ | ७.३४ | ७.७४ | ८.३१ | ८.९८ | −३.२२ |
| 13 | नेपाल एसबिआई बैंक | ६.८५ | ७.३३ | ७.९१ | ८.५२ | ९.११ | −२.२६ |
| 14 | हिमालयन बैंक | ६.८८ | ७.६५ | ८.६३ | ९.२८ | १०.१० | −३.०२ |
| 15 | प्रभु बैंक | ६.९३ | ७.४५ | ७.७७ | ८.३५ | ९.०६ | −२.१३ |
| 16 | लक्ष्मी सनराइज बैंक | ६.९३ | ७.५५ | ८.१७ | ८.९० | ९.६४ | −२.७१ |
| 17 | सिटिजेन्स बैंक | ६.९५ | ७.७४ | ८.२५ | ८.८५ | ९.५८ | −२.६३ |
| 18 | कुमारी बैंक | ६.९९ | ७.३९ | ८.४६ | ९.४८ | १०.०१ | −१.७२ |
| 19 | प्राइम कमर्सियल बैंक | ७.०० | ७.६४ | ८.३५ | ९.०४ | १०.०५ | −३.०५ |
| 20 | एनआईसी एशिया बैंक | ७.४१ | ८.०४ | ९.०६ | ९.१३ | ९.१३ | −१.७२ |
| औसत | ६.४८ | ७.०४ | ७.७० | ८.३४ | ९.०५ | -२.५७ | |
विगत एक वर्षमा लागू बेसरेट घट्नुको प्रमुख कारण भनेको बैंकिङ प्रणालीमा थुप्रिदै गएकोअत्यधिक तरलता र कर्जाको माग न्यून हुनु हो। राष्ट्र बैंकका अनुसार हाल ७० अर्बभन्दा बढी तरलता मौज्दात रहेको छ। बढ्दो तरलतालाई सरल भाषामा भन्नु पर्दा बैंकहरुसँग तत्काल कर्जा दिन, चेक भुक्तानी गर्न वा निक्षेपकर्ताको पैसा फिर्ता गर्न सक्ने लगानी योग्य पैसा प्रसस्त छ।
बजारमा कर्जाको माग न्यून हुदा र लगानी योग्य रकम झन् थुप्रिँदै गर्दा, ग्राहक आकर्षित गर्न बैंकहरूले सस्तो ब्याजदरमा कर्जा प्रवाह गर्न आफ्नो बेसरेट घटाएका हुन्। यसका साथै, राष्ट्र बैंकले निर्धारण गर्ने पोलिसी रेट तथा रिपो रेट घटेसँगै बैंकहरूको कर्जा लागत घटेको छ, जसले बेसरेटमा सोझै प्रभाव पारेको हो।
यदि कर्जाको माग अझै स्थिर रह्यो भने आगामी त्रैमासमा पनि लागू बेसरेट अझै घट्न सक्छ। यद्यपि, निकट भविष्यमा राष्ट्र बैंकले मौद्रिक नीति कडा बनाउने संकेत दियो भने यसले ब्याजदरमा फेरि वृद्धि ल्याउन सक्छ। त्यसैले, हाल कर्जा लिने सोचमा हुनुहुन्छ भने अहिलेको न्यून ब्याजदर लाभदायी साबित हुन सक्छ।
Sign up to discover Saral Banking Sewa